*कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय बाजार गिरावट के साथ खुले*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय बाजार गिरावट के साथ खुले*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
बुधवार 8 अक्टूबर 2025 को कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत नकारात्मक रही। बीएसई सेंसेक्स 27.24 अंक गिरकर 81,899.51 पर और निफ्टी 28.55 अंक गिरकर 25,079.75 पर बंद हुआ। इसके बावजूद बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप जैसे व्यापक सूचकांकों में शुरुआती कारोबारी सत्रों में बढ़त देखी गई। सूचकांक,शेयर वर्तमान स्तर हालिया चाल,प्रमुख कारक निफ्टी 50~25,100 थोड़ा ऊपर एक सीमित दायरे में कारोबार । वित्तीय और आईटी शेयरों में व्यापक खरीदारी लेकिन ऊर्जा शेयरों में मुनाफावसूली से संतुलित। सेंसेक्स स्थिर ≈73,500 । दिन के दौरान थोड़ा बदलाव । मिश्रित धारणा- सतर्क विदेशी निधि प्रवाह द्वारा संतुलित मजबूत घरेलू उपभोग डेटा। टाइटन कंपनी लिमिटेड +4% तीव्र तेजी उम्मीद से बेहतर तिमाही आय घड़ी और आभूषण क्षेत्रों द्वारा संचालित राजस्व वृद्धि। प्रीमियम खंड की मांग और नए उत्पादों के लॉन्च पर सकारात्मक दृष्टिकोण। आय में वृद्धि के बाद विश्लेषकों द्वारा उन्नयन और उच्च लक्ष्य मूल्य। बाजार में सुस्ती क्यों है? फेड की आगामी नीति बैठक से पहले अमेरिकी इक्विटी वायदा लगभग स्थिर स्तर पर मँडरा रहा है। जिससे भारतीय निवेशक किनारे पर हैं। हालिया सीपीआई और औद्योगिक उत्पादन के आँकड़े उम्मीदों के करीब रहे। जिससे वृहद परिदृश्य में कोई आश्चर्य नहीं हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का मामूली प्रवाह कुछ हेज फंडों से निकासी को संतुलित कर रहा है,जिसके परिणाम स्वरूप सीमित शुद्ध खरीदारी दबाव है। टाइटन की 4% की उछाल का कारण क्या है?कंपनी ने पिछली तिमाही में सालाना आधार पर लगभग 12% की राजस्व वृद्धि और लगभग 18% का शुद्ध लाभ दर्ज किया। जो आम सहमति के अनुमानों से कहीं ज़्यादा है। इसके प्रीमियम घड़ी संग्रह खासकर "टाइटन एज" लाइन की मज़बूत माँग और आभूषणों की बिक्री में तेज़ी। कई ब्रोकरेज हाउस ने बेहतर मार्जिन और बढ़ते निर्यात बाज़ारों का हवाला देते हुए टाइटन की रेटिंग बढ़ाकर "खरीदें" कर दी। शॉर्ट- कवरिंग रैली ने बढ़त को और बढ़ाया हो सकता है क्योंकि शेयर पर मंदी की आशंका वाले ट्रेडर्स ने आय में आश्चर्यजनक गिरावट के बाद अपनी पोजीशन कम कर ली है। जब तक कोई बड़ा उत्प्रेरक जैसे फेड का कोई निर्णायक बयान,अप्रत्याशित मैक्रो डेटा या कोई भू-राजनीतिक झटका न आए तब तक सूचकांकों के एक सीमित दायरे में चलते रहने की उम्मीद है। आईटी, एफएमसीजी और वित्तीय क्षेत्र मामूली बढ़त दे सकते हैं। जबकि ऊर्जा और धातु दबाव में रह सकते हैं अगर कंपनी मजबूत तिमाही नतीजे जारी रखती है और नए प्रीमियम उत्पाद पेश करती है तो यह गति अल्पावधि में बनी रह सकती है। आगामी आय मार्गदर्शन और कच्चे माल पर आयात शुल्क में किसी भी बदलाव पर नज़र रखे। जो मार्जिन को प्रभावित कर सकता है । यह एक सामान्य बाजार अवलोकन है और निवेश सलाह नहीं है। ट्रेडिंग निर्णय लेने से पहले हमेशा अपना खुद का शोध करें या किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
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